सरगुजा सम्भाग में समाज सेवा की पर्याय हैं वरिष्ठ समाजसेविका वन्दना दत्ता दीदी -मंगल पाण्डेय वरिष्ठ समाजसेवी
अम्बिकापुर शहर में वरिष्ठ समाजसेविका सुश्री वन्दना दत्ता दीदी के जन्म दिन के अवसर पर सरगुजा जिले के प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठनों, आध्यात्मिक संगठनों एवं विभिन्न सामाज के संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी गईं। सरगुजा पुलिस एवं सरगुजा जिले के गैर सरकारी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान् में संचालित नवा बिहान नशामुक्ति जागरूकता अभियान एवं परामर्श केंद्र की टीम के द्वारा भी उनके जन्मोत्सव को मनाया गया। छत्तीसगढ़ में सन् 1997से मैंने समाज सेवा की शुरुआत की। तबसे आज तक मैंने वन्दना दत्ता दीदी जैसा समाजसेविका सरगुजा में नहीं देखा। अम्बिकापुर शहर में वन्दना बुआ, वन्दना दीदी के नाम से मशहूर यह समाजसेविका कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में थकती नहीं हैं। वन्दना दीदी को ईश्वर ने असीम ऊर्जा जन सेवा की भावना से परिपूर्ण किया है। शासकीय सेवा में रहते हुए भी अपने पदीय कार्यों का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए भी समाजिक सरोकार में भी अपनी सहभागिता सर्वोत्तम तरीके से करती रहीं। सेवा निवृत्ती के बाद दोगुनी उर्जा के साथ आज तक विभिन्न सामाजिक संगठनों का निर्माण कर लोगों को साथ लेकर बहुआयामी सामाजिक कार्य निर्वाध रुप से जारी है। आज अम्बिकापुर शहर की सैकड़ों महिलाएं एवं युवा वन्दना दीदी से प्रेरित होकर समाज सेवा करते हुए वन्दना दीदी जैसा बनने की इच्छा लिए कार्यरत हैं। उनके पदचिन्हों पर चलना चाहते हैं किन्तु वन्दना दत्ता बनना आसान नहीं है। वन्दना दीदी साहित्य, संगीत संस्कृति के विभिन्न विधाओं से परिपूर्ण है।आज कितने जरूरत मंदों को भोजन, वस्त्र, इलाज की व्यवस्था उनके द्वारा किया गया है।की बेघर बच्चे एवं बेटियां वन्दना दीदी के सानिध्य एवं सहयोग से उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज बेहतर मुकाम तक पहुंचे हैं।कोविड काल के दौरान इनके द्वारा अन्नपूर्णा समूह के द्वारा भोजन की व्यवस्था देकर कई लोगों को मरने से बचाया गया। उन्हीं में से मैं भी हूं। मेरे परिवार के सभी सदस्य कोविड संक्रमण से जीवन की अंतिम सांसें ले रहे थे। इलाज तो शासकीय एवं निजी अस्पतालों में उपलब्ध था। किन्तु दो रोटी की व्यवस्था का कोई विकल्प नहीं था।उस विषम परिस्थिति में आशा की किरण वन्दना दीदी बनीं।हम उस महान व्यक्तित्व के आजीवन त्रृणी हो गए। मेरे जैसे हजारों घरों के लोगों को भोजन उपलब्ध करवाकर उन्हें मौत के मुंह से बचाया।आज वन्दना दीदी जैसे लोगों की समाज को आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ के बहुत सारे गैर सरकारी संगठन बिना शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय सहयोग के बिना अपने उद्देश्यों को नहीं प्राप्त कर सकते। किन्तु वन्दना दीदी ने बिना शासकीय एवं अशासकीय सहायता के बगैर अपने मुहिम में अग्रसर हैं।ऐसी संवेदनशील उर्जावान, बहुआयामी व्यक्तित्व से परिपूर्ण सरगुजा संभाग की समाजसेविका को दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।साथ ही आपके अधूरे सपनों को पूरा करने में अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करता हूं।
मंगल पाण्डेय
वरिष्ठ समाजसेवी
अम्बिकापुर
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