सरगुजा के राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा हिंदू देवी काली का अपमान, आजाद सेवा संघ ने पुलिस अधीक्षक से कड़ी कार्रवाई की मांग की!
अम्बिकापुर, सरगुजा (छत्तीसगढ़) - स्थानीय गैर-राजनीतिक संगठन 'आजाद सेवा संघ' ने आज राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर के एक प्रोफेसर द्वारा हिंदू धर्म की पूजनीय देवी मां काली के अपमानजनक चित्रण पर गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया है। महाविद्यालय के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में प्रोफेसर द्वारा की गई इस आपत्तिजनक टिप्पणी ने हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गंभीर रूप से आहत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त प्रोफेसर ने महाविद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप में देवी काली को "शैतान" के रूप में वर्णित किया, जो न केवल धार्मिक मान्यताओं का घोर अपमान है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का भी प्रयास है। इस निंदनीय कृत्य की जानकारी मिलते ही, 'आजाद सेवा संघ' के प्रदेश सचिव श्री रचित मिश्रा और संघ के जिला अध्यक्ष श्री प्रतीक गुप्ता तत्काल हरकत में आए और आज ही सरगुजा से मिलकर पीजी कॉलेज के प्राचार्य औपचारिक आवेदन सौंपा।
आवेदन में, संघ के पदाधिकारियों ने प्रोफेसर के इस कृत्य को अत्यंत आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात बताया। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। संघ ने यह भी आग्रह किया है कि प्रोफेसर को तत्काल निलंबित किया जाए और उनसे सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी करने के लिए कहा जाए, ताकि पीड़ित समुदाय को कुछ हद तक सांत्वना मिल सके। इसके अतिरिक्त, 'आजाद सेवा संघ' के प्रतिनिधिमंडल ने जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल को भी एक अलग आवेदन प्रस्तुत किया। इस आवेदन में, उन्होंने हिंदू धर्म की देवी के इस अपमान को गंभीरता से लेने का विशेष अनुरोध किया है। संघ ने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की हरकतें आस्था के साथ खिलवाड़ करने के समान हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म या धार्मिक प्रतीकों का अनादर करने का साहस न करे।
रचित मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, "मां काली करोड़ों हिंदुओं की आराध्य देवी हैं। उनका इस प्रकार से अपमान करना अक्षम्य है और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम पुलिस प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि वे इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित जांच करेंगे और दोषी प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।"
प्रतीक गुप्ता ने कहा, "यह सिर्फ एक व्यक्ति का कृत्य नहीं है, बल्कि यह हमारी धार्मिक आस्था पर सीधा हमला है। हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले को एक उदाहरण के तौर पर ले और ऐसी कार्रवाई करे जो भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोकने में कारगर साबित हो।"
'आजाद सेवा संघ' ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे उग्र तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। संघ ने सभी धर्मों और समुदायों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि वे अपनी धार्मिक भावनाओं का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
यह घटना अम्बिकापुर के शैक्षणिक समुदाय और आम जनता के बीच गहरी चिंता का विषय बन गई है। लोग इस बात से स्तब्ध हैं कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया गया है। अब सभी की निगाहें पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
संपर्क:
रचित मिश्रा
प्रदेश सचिव, आजाद सेवा संघ
प्रतीक गुप्ता
जिला अध्यक्ष, आजाद सेवा संघ
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