CM

15

सुशासन तिहार के तहत सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का ने मैनपाट के समस्त दार्शनिक स्थल को विकसित करने का शासन से मांग की हैं।

सुशासन तिहार के तहत सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का ने मैनपाट के समस्त दार्शनिक स्थल को विकसित करने का शासन से मांग की हैं।

*मैनपाट :-* मैनपाट का प्रमुख दार्शनिक स्थल टाईगर प्वाइंट, मेहता प्वाइंट, मछली प्वाइंट, दलदली, जल परी, उल्टा पानी, बौद्ध मंदिर इत्यादि हैं। लेकिन सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का का कहना हैं कि बौद्ध मंदिर धार्मिक वजह से दार्शनिक स्थल हैं। उसके अलावा बाकी सभी दार्शनिक स्थल अदभुत प्राकृतिक संरचनाओं के वजह से दार्शनिक स्थल के रूप में जाना जाता हैं। लेकिन यह सभी दार्शनिक स्थल केवल प्राकृतिक बनावट को लेकर एक ढाँचा के रूप बस स्थित दिखाई मात्र देता हैं। उसके अलावा उन सभी दार्शनिक स्थल लोगों के मन को पर्यावरण की वातावरण से या अन्य सुविधाओं के वजह से आकर्षित नहीं करता हैं। आज़ भी कई दार्शनिक स्थल में पेय जल की सुविधा नहीं हैं। कई दार्शनिक स्थल तक पहुंचने के लिए पक्की रोड़ की सुविधा नहीं हैं। मैं देखा हूँ कि जल परी दार्शनिक स्थल तक लोग आसानी से पहुँच से उसके लिए सड़क किनारे संकेतिक बोर्ड तक नहीं हैं। दार्शनिक स्थल के आस-पास जंगलों पे लगातार अतिक्रमण हो रहे हैं। टाइगर प्वाइंट के ऊपर तरफ नाला को धीरे-धीरे खेत बना कर नाला को ही समाप्त कर रहे हैं और तो और मैनपाट की घनघोर जंगल कट के वीरान हो गई हैं। जिसके वजह से जंगल हराभरा नहीं लगता हैं। दार्शनिक स्थल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2012 से मैनपाट महोत्सव मनाया जा रहा हैं। मैनपाट महोत्सव के नाम से अब तक करोड़ों-अरबों रूपये खर्च हुए हैं होंगे । लेकिन दार्शनिक स्थल को विकसित करने के लिए कुछ खास कार्य नहीं किए गये हैं, ऐसा दिखाई नहीं देता हैं। बाहर से दार्शनिक स्थल सैलानियों के रूप में आते हैं, उनका रिव्यू एक भी अच्छा नहीं रहता हैं। इन्ही सब कारणों को गहराई से समझते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री जयमान एक्का ने मैनपाट को विकसित करने की मांग की हैं। दार्शनिक स्थल सुन्दर और आकर्षक लगे उसके लिए उन्होंने समस्त दार्शनिक स्थल को पार्क के रूप में विकसित करने, उठने-बैठने के लिए प्रार्याप्त व्यवस्था स्थापित करने, दार्शनिक स्थल तक पहुँच मार्ग को आसान बनाने के लिए पक्की सड़क निर्माण करने, खाली जमीन में पौधारोपण करने इत्यादि की मांग की हैं।  उनका कहना हैं कि जहाँ से मैनपाट के दार्शनिक स्थल की ओर जाते हैं। जैसे कि काराबेल से और ऊपरी क्षेत्र में दरिमा तरह से उन सड़कों के किनारे और मैनपाट के ऊपरी क्षेत्र के समस्त पक्की रोड़ किनारे-किनारे पौधरोपण करना चाहिए और  उन पौधा की घेरावा के रूप में सड़क किनारे-किनारे जंगली गुलाब का पौधा इत्यादि को लगाना चाहिए। जिससे की मैनपाट का रोड़ हरा-भरा और गुलाब फूलों से बहुत ही ज्यादा शानदार तथा आकर्षक लगे। ऐसा सोच के साथ मैनपाट को विकसित करने की जरूरत हैं।

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement