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संभाग के सबसे बड़े महाविद्यालय में भीषण गर्मी में पानी के लिए तड़पते छात्र, कक्षाओं में गंदगी, खराब पंखे-लाइट, आजाद सेवा संघ का फूटा आक्रोश, महाविद्यालय के मुख्य द्वारों पर तालाबंदी।



संभाग के सबसे बड़े महाविद्यालय में भीषण गर्मी में पानी के लिए तड़पते छात्र, कक्षाओं में गंदगी, खराब पंखे-लाइट, आजाद सेवा संघ का फूटा आक्रोश, महाविद्यालय के मुख्य द्वारों पर तालाबंदी।

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़: राजीव गांधी पीजी कॉलेज, सरगुजा, जो कि संभाग का सबसे बड़ा महाविद्यालय है, में व्याप्त गंभीर समस्याओं के खिलाफ आज आजाद सेवा संघ के नेतृत्व में छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। भीषण गर्मी में, जब अंबिकापुर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है, महाविद्यालय में वाटर आरओ की भयावह समस्या छात्रों के लिए असहनीय बन गई है। छात्रों को पीने के पानी के लिए तड़पना पड़ रहा है, जबकि महाविद्यालय प्रबंधन को लगातार इस बात की सूचना दी जा रही थी कि महाविद्यालय के वाटर आरओ पूरी तरह से खराब हो चुके हैं, जिनमें पूरा गंदा पानी भरा रहता है और कभी-कभी मरी हुई छिपकलियाँ तक पाई जाती हैं। इसके साथ ही, कक्षाओं में किसी भी प्रकार की साफ-सफाई नहीं रहती है, लाइटें खराब हैं, पंखे काम नहीं करते हैं, जिससे छात्रों को भीषण गर्मी में पढ़ाई करने में अत्यंत कठिनाई हो रही है। वहीं दूसरी ओर, महाविद्यालय के प्रोफेसर और प्राचार्य वातानुकूलित कमरों में बैठते हैं। इन समस्याओं के अतिरिक्त, अनियमित कक्षाएं और सर्वर की गंभीर समस्या के इसके साथ ही, हम यह भी सूचित करना चाहते हैं कि दिनांक 6 मई, 2025 को जब छात्र अपना एटीकेटी का फॉर्म भर रहे थे, तब उनसे ₹900 के स्थान पर ₹1100 फीस वसूली गई। यह कोई पहली घटना नहीं है; पूर्व में भी महाविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं, जिसे अब छात्र बर्दाश्त नहीं करेंगे और पूर्व में जो काफी सालों से छात्रों की फीस वापसी की बात की गई थी वह आज तक वापस नहीं किए गए।

आजाद सेवा संघ के कार्यकर्ताओं और महाविद्यालय के छात्रों ने अनोखे तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने खराब वाटर आरओ के प्रतीक के तौर पर मटकी फोड़ प्रदर्शन किया और प्राचार्य महोदया को मटकी भेंट कर शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस दौरान छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी छात्र "प्राचार्य इस्तीफा दो" और "महाविद्यालय प्रबंधक होश में आओ" जैसे नारे लगा रहे थे, जिससे परिसर गूंज उठा।

विरोध प्रदर्शन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, संघ के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय के मुख्य द्वारों पर तालाबंदी भी कर दी। छात्रों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक महाविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को लिखित रूप से स्वीकार करते हुए कार्रवाई का आश्वासन नहीं दिया जाता है, तब तक तालाबंदी जारी रहेगी।

आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव श्री रचित मिश्रा ने प्रदर्शनकारी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "छात्रों के हक की इस लड़ाई में मैं हमेशा सबसे आगे खड़ा रहूंगा। महाविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेना होगा।

छात्रों के बढ़ते आक्रोश और महाविद्यालय के मुख्य द्वारों पर तालाबंदी को देखते हुए, महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया ने प्रदर्शनकारी छात्रों को लिखित में आश्वासन दिया कि सभी मांगों को एक हफ्ते के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही छात्रों ने तालाबंदी समाप्त की।

यह प्रदर्शन आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव श्री रचित मिश्रा के नेतृत्व और छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री प्रतीक गुप्ता की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि एक हफ्ते के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे प्राचार्य के इस्तीफे की मांग को लेकर और भी उग्र आंदोलन करेंगे।

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