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प्रधानमंत्री का आतंक पर प्रहार भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को सैल्यूट - डॉ शाहिद अली

प्रधानमंत्री का आतंक पर प्रहार भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को सैल्यूट - डॉ शाहिद अली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बहुप्रतीक्षित संबोधन दुनिया को आपरेशन सिंदूर का नया पैगाम दे गया। सीजफायर के शोरगुल में प्रधानमंत्री मोदी ने जोरदार शब्दों में भारत के सशस्त्र बलों, आर्मी, नेवी और  खुफिया एजेंसियों के शौर्य और पराक्रम को सैल्यूट कर साफ़ कर दिया कि खून और पानी साथ साथ नहीं बहेगा। टेरर और टाक, टेरर और ट्रेड साथ नहीं चल सकते। आपरेशन सिंदूर ने ग्लोबल टेरर युनिवर्सिटी के अड्डों का सफाया किया है। आतंकवाद की जड़ों पर प्रहार किया गया है। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुद्ध की धरती पर युद्ध के संकट को देखते हुए ये माना कि भारत शांति के रास्ते पर चलने वाला देश है लेकिन इस शांति का रास्ता भी शक्ति से होकर ही जाता है।  प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहलगाम की घटना भारत में सांप्रदायिक तनाव  पैदा करने की घिनौनी साजिश थी जिसका जिसका ज़वाब भारत के लोगों ने एकजुटता से दिया है। पाकिस्तान को सीधे निशाने पर लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और आतंक की सरपरस्ती के स्टेट की किसी भी कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया जाएगा। न्यूक्लियर ब्लेकमैल नहीं चलेगा। पाकिस्तान यदि आतंक के इंफ्रास्ट्रक्चर को पालेगा तो एक दिन वही ख़ाक हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया है कि आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के सौ से अधिक आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया है और साथ ही आतंकी अड्डों को भी नष्ट कर दिया गया जिनका हाथ पहलगाम और दुनिया की बड़ी आतंकी घटनाओं में था। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के अंतिम विदाई में पाकिस्तान की सेना की मौजूदगी को तल्ख लहजे में कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ इससे बड़ा क्या सबूत चाहिए। प्रधानमंत्री ने भारत और भारत के नागरिकों की सुरक्षा को सर्वप्रथम जिम्मेदारी माना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र सर्वोपरि के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि भारत ने आपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद को समूल खत्म करने का नया आयाम दिया है। प्रधानमंत्री ने पहलगाम में छुट्टी मना रहे निर्दोष पर्यटकों को उनके बच्चों और महिलाओं के सामने नृशंस हत्याओं पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि जो बहनों के सिंदूर हटाने वालों का हश्र क्या होगा वो आपरेशन सिंदूर ने बता दिया है। आपरेशन सिंदूर का लक्ष्य पाने के लिए प्रधानमंत्री ने भारत की सेनाओं और देश का धन्यवाद किया। 
निश्चित रूप से देशवासियों को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उन सारे विवादों का पटाक्षेप कर दिया है जो सीजफायर को लेकर उठाए जा रहे थे क्योंकि उन्होंने यह भी कह दिया है कि भारत में कोई भी आतंकवाद की घटना होगी तो उसके जवाब के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। इसका मतलब है कि सीजफायर पाकिस्तान को आतंकवाद से दूर रहने का केवल और केवल एक अवसर है। प्रधानमंत्री के संबोधन में सीजफायर के लिए ऐसा कोई मैसेज नहीं मिला कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय किसी अन्य देश को मिले। प्रधानमंत्री के संबोधन से साफतौर पर कहा जा सकता है कि आपरेशन सिंदूर का लक्ष्य पूरा होने के बाद शांति का पैगाम और आतंक पर प्रहार का संदेश ही सीजफायर है। इसलिए सीजफायर को किसी दूसरे चश्मे से देखना ठीक नहीं है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्वीट के बाद सीजफायर को लेकर जो कुछ भी धुंआ उठा उस पर अब विराम लग जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के संबोधन में यह भी साफ हो गया है कि आपरेशन सिंदूर ने पाक के नापाक सैन्य अड्डों को ख़ासा नुकसान पहुंचाया है। तीन दिन के आपरेशन में पाकिस्तान के ड्रोन और लड़ाकू जहाजों को भारतीय सेना ने नष्ट करके मुंहतोड़ जवाब दिया है इसलिए पाकिस्तान जल्दी सिर नहीं उठा सकता है। लेकिन पाकिस्तान अपनी फितरत से बाज आएगा इसकी भी गारंटी नहीं है। लेकिन यह तय है कि भारतीय सेना के शोर्य और पराक्रम के आगे पाकिस्तान घुटने टेक चुका है। पीओके में शांति बहाल होगी। भारत की तरफ अब कोई आंख नहीं उठेगी। भारत ने आतंकवाद का जवाब सटीक तौर पर दिया है। आतंकवाद को उसका सही जवाब मिल गया है आपरेशन सिंदूर से। 


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