मैनपाट के चुरकीपानी जंगल की सैकड़ों एकड़ वन भूमि पर भू मफियाओं का हैं नजर। जमीन को कब्जाने के उद्देश्य पेड़-पौधे और झाड़ियों को काट कर साफ करने में लगे हैं।
*मैनपाट :-* मैनपाट विकासखंड के ग्राम पंचायत पेंट में चुरकीपानी का जंगल स्थित हैं। उस चुरकीपानी के संबंध में सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का ने जानकारी दिया हैं कि मैं चुरकीपानी में शिव मंदिर के ऊपर वाले समतल वन भूमि में प्राणी उद्यान खोलने के लिए सुशासन तिहार में आवेदन किया था। उन स्थान पे इन दिनों वन भूमि की जमीन को कब्जाने के लिए कुछ लोग पेड़-पौधे और झाड़ियों को काट रहे हैं। एक बार उसे जलाने का भी कोशिश किए हैं। कच्चा था इसलिए पूरा नहीं जला हैं। इसलिए छोटे पेड़ तथा झाड़ियों को काट-काट कर छोड़ दे रहे हैं। पूरी तरह से सुख जायेगा तो उसे कटाने वाले उस पर आग लगा देंगे और कटे हुए सूखे पेड़-पौधे तथा झाड़ी जल जायेगी। ज्यादा आग पकड़ती हैं तो वही आग हवा के कारण जंगल में फैल जाती हैं। इन दिनों मैनपाट के ऊपरी क्षेत्र में कब्जे वाले जमीन की झाड़ियों को साफ करने के उद्देश्य से ज्यादातर आग लगा रहे हैं। वही आग फ़ैलते-फ़ैलते जंगल तक पहुँच जाता हैं। फिर जंगल में आग लगने से पेड़-पौधे, झाड़ीे के साथ-साथ छोटे-छोटे जीव जंन्तु और उसके आवास भी जल जाते हैं, इससे बहुत बड़ा नुकसान होता हैं। जले हुए स्थानों में फिर से पौधे नहीं उघते हैं। फिर कब्जा करने वाले उन स्थान पे जुताई इत्यादि करके खेती कार्य करके जंगल के जमीन को कब्जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग जंगल के नये-नये जमीन को पकड़ने की उद्देश्य से बाधान बना कर भैंस बांधते हैं। कुछ साल तक बाधान बना कर बाधान वाले वन भूमि के नाम से फर्जी पट्टा बनवाते हैं। इस प्रकार से पूरे मैनपाट के वन भूमि को अवैध तरीके से बाधान के नाम से कब्जाने का भी खेल कई वर्षो से चल रहा हैं। चैनपुर के सारुजोबा में भी पिछले वर्ष कुछ लोग बाधान बनाये थे तो उसको चैनपुर के ग्राम सभा का सदस्य जा कर हटवाये हैं। जागरूक हैं, उस ग्राम पंचायत के लोग बाधान नहीं बनाने देते हैं। क्योंकि खाली जमीन को कब्जाने के उद्देश्य से ही बाधान बनाते हैं और उसमें भैंस रखते हैं। इस प्रकार के कार्य पर शासन-प्रशासन के अधिकारियों को विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि जंगल की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण न हो सके।
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