प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय अंबिकापुर में 2 मई से 11 मई तक चलने वाले 10 दिवसीय उमंग समर कैंप के चौथे दिन की शुरुआत उमंग उत्साह दिवस के रुप में इस स्वामान में रहकर किया गया कि मैं उमंग उत्साह से भरपूर आत्मा हूं आज सारा दिन बच्चों ने सारा उमंग उत्साह के साथ करने का संकल्प किया। तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी अन्नू बहन ने संस्कार एवं संस्कृति विषय पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि संस्कार एवं संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं संस्कार से ही संस्कृति संस्कृति का निर्माण होता है एवं संस्कृति के अनुसार संस्कार बनता है संस्कार जो हमारे स्वाभाविक आदतों के द्वारा जो हम कार्य व्यवहार में करते हैं वो ही संस्कार कहलाता है । संस्कार हमें माता पिता, शिक्षक, संग से पूर्व जन्म से प्राप्त होता है किन्तु सात मूल संस्कार सुख शांति, प्रेम, आनंद, ज्ञान, शक्ति, पवित्रता है जो सदैव हमारे साथ रहते हैं बस इन्हें याद के द्वारा अपने में जागृत करने की आवश्यकता है, इन गुणों की कमी से ही हमारे अंदर अवगुण जैसे चोरी, क्रोध, अहंकार ईर्ष्या के संस्कार जागृत होता है। किन्तु दिव्य संस्कार ही हमारे व्यक्तित्व को मूल्यवान बनाता है अर्थात आदर्श बनाता है। आगे उन्होंने बताया कि हमारे भारत की संस्कृति सबसे प्राचीन देव संस्कृति है, आधुनिकता के इस युग में हमारे इन संस्कृति का पतन होते जा रहा है,हमे सर्वश्रेष्ठ संस्कारों के पुनर्जागरण हेतु ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश की आवश्यकता है।
समर कैंप के दूसरे सत्र में अंबिकापुर यातायात उप निरीक्षक श्री अभय तिवारी जी ने यातायात के नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि यातायात के नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है जिससे कि हम स्वयं सुरक्षित रहकर दूसरों की भी मदद कर सकेंगे। यह हमारे जीवन की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, कभी भी शॉर्टकट के चक्कर में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए। आगे उन्होंने बच्चों को अवगत कराया कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें यातायात संकेतों का ज्ञान होना जरूरी है, उन्होंने प्रोजेक्टर के द्वारा यातायात संकेतों का परिचय दिया एवं बच्चों के लिए आवश्यक सारे नियमों को बताया। इसी बीच बच्चों ने भी अपने मन में उठने वाले प्रश्नों को पूछा जिसका जवाब उन्होंने बहुत ही रोचक तरीके से दिया। एवं यातायात के संबंध में वीडियो बच्चों को दिखाकर यातायात के प्रति जागृत किया गया। तत्पश्चात कलर कंसंट्रेशन गेम बच्चों को कराया गया जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं अपनी एकाग्रता का सबूत दिया एवं विजेता को पुरस्कार के लिए चयनित किया किया गया। से 11मई तक चलने वाले उमंग समर कैंप का चौथा दिन दिव्य संस्कार एवं यातायात सुरक्षा के साथ*
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय अंबिकापुर में 2 मई से 11 मई त FCक चलने वाले 10 दिवसीय उमंग समर कैंप के चौथे दिन की शुरुआत उमंग उत्साह दिवस के रुप में इस स्वामान में रहकर किया गया कि मैं उमंग उत्साह से भरपूर आत्मा हूं आज सारा दिन बच्चों ने सारा उमंग उत्साह के साथ करने का संकल्प किया। तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी अन्नू बहन ने संस्कार एवं संस्कृति विषय पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि संस्कार एवं संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं संस्कार से ही संस्कृति संस्कृति का निर्माण होता है एवं संस्कृति के अनुसार संस्कार बनता है संस्कार जो हमारे स्वाभाविक आदतों के द्वारा जो हम कार्य व्यवहार में करते हैं वो ही संस्कार कहलाता है । संस्कार हमें माता पिता, शिक्षक, संग से पूर्व जन्म से प्राप्त होता है किन्तु सात मूल संस्कार सुख शांति, प्रेम, आनंद, ज्ञान, शक्ति, पवित्रता है जो सदैव हमारे साथ रहते हैं बस इन्हें याद के द्वारा अपने में जागृत करने की आवश्यकता है, इन गुणों की कमी से ही हमारे अंदर अवगुण जैसे चोरी, क्रोध, अहंकार ईर्ष्या के संस्कार जागृत होता है। किन्तु दिव्य संस्कार ही हमारे व्यक्तित्व को मूल्यवान बनाता है अर्थात आदर्श बनाता है। आगे उन्होंने बताया कि हमारे भारत की संस्कृति सबसे प्राचीन देव संस्कृति है, आधुनिकता के इस युग में हमारे इन संस्कृति का पतन होते जा रहा है,हमे सर्वश्रेष्ठ संस्कारों के पुनर्जागरण हेतु ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश की आवश्यकता है।
समर कैंप के दूसरे सत्र में अंबिकापुर यातायात उप निरीक्षक श्री अभय तिवारी जी ने यातायात के नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि यातायात के नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है जिससे कि हम स्वयं सुरक्षित रहकर दूसरों की भी मदद कर सकेंगे। यह हमारे जीवन की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, कभी भी शॉर्टकट के चक्कर में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए। आगे उन्होंने बच्चों को अवगत कराया कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें यातायात संकेतों का ज्ञान होना जरूरी है, उन्होंने प्रोजेक्टर के द्वारा यातायात संकेतों का परिचय दिया एवं बच्चों के लिए आवश्यक सारे नियमों को बताया। इसी बीच बच्चों ने भी अपने मन में उठने वाले प्रश्नों को पूछा जिसका जवाब उन्होंने बहुत ही रोचक तरीके से दिया। एवं यातायात के संबंध में वीडियो बच्चों को दिखाकर यातायात के प्रति जागृत किया गया। तत्पश्चात कलर कंसंट्रेशन गेम बच्चों को कराया गया जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं अपनी एकाग्रता का सबूत दिया एवं विजेता को पुरस्कार के लिए चयनित किया किया गया।
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