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"शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर में लैंगिग समानता एवं लैंगिग न्याय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन"



"शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर में लैंगिग समानता एवं लैंगिग न्याय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन"

दीपक/ सीतापुर:- भारत सरकार के पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) द्वारा प्रायोजित एवं राजीव गांधी शासकीय पी.जी. महाविद्यालय अम्बिकापुर के संयुक्त तत्वावधान में शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर (सरगुजा) में लैंगिग समानता एवं लैंगिग न्याय विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनाँक 12 दिसम्बर 2024 किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री रूपेश गुप्ता, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, विशिष्ट अतिथि श्री दीपक सिंह, पीएम-उषा प्रभारी -राजीव गांधी शासकीय पी.जी. महाविद्यालय अम्बिकापुर, मुख्य वक्ता श्री पार्थ तिवारी, सिविल मजिस्ट्रेट सीतापुर, विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ०  सबनम खानम, एयर वॉयस ओवर आर्टिस्ट एवं श्री रमेश द्विवेदी, अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार टोप्पो मंचासीन थे। 

 राजकीय गीत अरपा पैरी के धार गान के पश्चात प्राचार्य डाॅ सुशील कुमार टोप्पो ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विषय वस्तु के बारे में बताया ।कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए  डाॅ० प्रवीण कुमार साहू, पीएम-उषा  संयोजक - शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर ने जेंडर समानता लाने में मीडिया के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि बीजिंग प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन में वुमन एण्ड मीडिया को 12 क्रिटिकल एरिया मे से एक माना गया है|  उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के द्वारा वर्ष 2015 में घोषित 17 सस्टेनेबल गोल में से जेंडर इक्वलिटी पांचवा गोल है,  इस विषय पर मीडिया के द्वारा सकारात्मकता के साथ कार्य किया जाना अपेक्षित है| कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री रूपेश गुप्ता ने किया। श्री रूपेश गुप्ता  ने कहा कि मानव सभ्यता के आरंभ काल से महिलाओं की भूमिका अहम रही है | हमारे संस्कार एवं संस्कृति के विकास में भी महिलाओं की बड़ी भागीदारी है | इसीलिए समाज में लैंगिग समानता का भाव अति आवश्यक है | विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री दीपक सिंह ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय - भारत सरकार द्वारा पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के कॉम्पोनेन्ट 5, लिंग समावेशन और समानता पहल के अंतर्गत राशि 10 करोड़ सरगुजा जिले के लिए प्रावधानित किये गए है |  इसी के अन्तर्गत आज की कार्यशाला आयोजित है एवं भविष्य में भी सरगुजा जिले विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे |  

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री पार्थ तिवारी, सिविल मजिस्ट्रेट सीतापुर लैंगिग समानता से सम्बन्धित संवैधानिक प्रावधानों एवं लैंगिग न्याय से सम्बन्धित भारत के सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णयों पर विस्तृत चर्चा की | विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित श्री रमेश द्विवेदी ने महिलाओ से जुड़े अधिकारों पर जोर देते हुए कहा कि सदियों से चले आ रहे जेंडर आधारित मानदंडों के कारण महिलाओं को अपने अधिकारों से वंचित रहना पड़ा है| उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के समय से ही लैंगिक समानता को महत्व दिया गया | स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही महिलाओं को पुरुषों के साथ बराबरी से मतदान का अधिकार दिया गया, जबकि कई लोकतांत्रिक देशों को ऐसा करने में बहुत समय लगा | विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ० सबनम खानम ने समाज में जेंडर इक्वलिटी के लिए महिलाओं की जागरूकता के साथ ही पुरुषों की जागरूकता और उसको व्यवहारिकता में उपयोग करने पर जोर दिया| उन्होंने कहा कि हमें संस्कारों में ही इस विचार को बढ़ावा देना होगा कि महिला और पुरुष दोनों में कोई भेद नहीं है | 

कार्यशाला के समापन समारोह में महाविद्यालय के   गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण कुमार साहू के मार्गदर्शन में विभाग के छात्र - छात्राओं के द्वारा लैंगिग समानता एवं लैंगिग न्याय विषय पर नाटक प्रस्तुत किया  गया |  कार्यशाला का संचालन डॉ. प्रवीण कुमार साहू ने किया । पीएम-उषा के सह-संयोजक श्री धीरज कुमार मिश्रा के द्वारा कार्यशाला के लिए आभार प्रकट किया गया। अंत में राष्ट्रगान के पश्चात् कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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