सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का ने 5 वी अनुसूची क्षेत्र विशेष अधिकारों की हनन को रोकने के लिए कठोर क़ानून मृत्युदंड का प्रावधान हो, उसको लागू करवाने के लिए किया आवेदन।
*मैनपाट :-* दिनांक 16/05/2025 को सुशासन तिहार समाधान शिविर कार्यक्रम का आयोजन ग्राम पंचायत खड़गांव में हुआ था। उस शिविर में सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री जयमान एक्का ने 5 वी अनुसूची क्षेत्र यानि कि आदिवासी क्षेत्र के विशेष अधिकारों के हनन को रोकने के लिए कठोर नियम मृत्युदंड जैसे सज़ा का प्रवधान हो, इस प्रकार का सरकार क़ानून बना कर लागू करें, उसके लिए आवेदन किया हैं। सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का का कहना हैं कि शासन-प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारियों के द्वारा जल, जंगल, जमीन को उद्योगपतियों के लिए फायदा पहुंचाने के लिए जबरदस्ती अधिग्रहण कर लेते हैं और उद्योगपतियों को खदान तथा कम्पनी खोलने के लिए जमीन अवंटित कर दिया जाता हैं। इसके अलावा विकास के नाम पे बड़ा बांध, पक्की सड़क, रेलवे लाईन निर्माण कार्य के लिए भी आदिवासियों को विस्थापित कर जमीन को ले लिया जाता हैं। छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का कार्य बिना ग्राम सभा के सहमति से और फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव हासिल कर हो रहा हैं। जो कि पूर्णतः गलत हैं। फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव हासिल कर हसदेव जंगल की कटाई कर दिया गया हैं। इसके अलावा जशपुर में भारत माला रोड़, रेलवे लाईन का आदिवासी विरोध कर रहे हैं। फिर भी से शासन-प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा 5 वी अनुसूची क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन्न करके जबरजस्ती जमीन को अधिग्रहण करने का काम कर रहे हैं। इस प्रकार का कार्य छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग में लगातार हो रहा हैं। 5 वी अनुसूची क्षेत्र को अब बचाना जरूरी हैं, क्योंकि केवल 5 वी अनुसूची क्षेत्र का मामला नहीं हैं, बल्कि आदिवासी समाज की अस्तित्व को बचाने का मामला हैं। 5 वी अनुसूची क्षेत्र बचा हैं, इसलिए आदिवासी समाज का अस्तित्व बचा हैं। इसको बचाने की जिम्मेदारी अब हम जागरूक युवाओं की हैं। 5 वी अनुसूची क्षेत्र को बचाने के लिए नियमों में बदलाव करके 5 वी अनुसूची क्षेत्र के नियम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत हैं। 5 वी अनुसूची क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के लिए मृत्युदंड इत्यादि का क़ानून सरकार बना कर लागू करेगी तो भय से 5 वी अनुसूची क्षेत्र में असंवैधानिक कार्य करने का हिम्मत कोई नहीं करेगा। इसलिए इस प्रकार का क़ानून जरूर बनना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री जयमान एक्का ने ये भी कहा हैं कि भाजपा सरकार 5 वी अनुसूची क्षेत्र की सुरक्षा के लिए क़ानून नहीं बनाती हैं तो आने वाले चुनाव में हमारे मूलनिवासी विचारधारा के लोग विधायक और संसद के रूप में चुन कर सत्ता में आते हैं तो इस क़ानून को लागू करवाने के लिए पुन: प्रयास करूंगा। यदि क़ानून किसी प्रकार से बन जाता हैं तो पिछले समय में जितने भी 5 वी अनुसूची के विशेष अधिकारों का हनन हुआ हैं, उसको भी जाँच करवा कर सज़ा दिलवाने से संबंधित कार्य हमारे द्वारा किया जायेगा। ऐसा कहा हैं, अब देखना हैं कि सरकार 5 वी अनुसूची क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 5 वी अनुसूची क्षेत्र की नियमों को मजबूत करती हैं या फिर अनदेखी करती हैं।।
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