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अब उठेगा अतुल सुभाष की मौत के राज से पर्दा! पत्नी निकिता, सास और साले को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए तीनों कहां से पकड़ाए…

अब उठेगा अतुल सुभाष की मौत के राज से पर्दा! पत्नी निकिता, सास और साले को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए तीनों कहां से पकड़ाए…



प्रयागराज. AI इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) ने पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania), ससुराल वालों और जज को अपनी मौत का जिम्मेदार बताकर बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद अतुल सुभाष की पत्नी निकिता, सास निशा और साला अनुराग फरार चल रहा था. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पत्नी निकिता को गुरुग्राम से और उसकी मां और भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है.


बता दें कि AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने डेढ घंटे का वीडियो और 40 पेज का सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी थी. वहीं जब पुलिस उसके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो कमरे की दीवार पर लिखा था-JUSTICE IS DUE.. मतलब न्याय अभी बाकी है. अतुल सुभाष कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के मराठाहल्ली में रहता था.

5 साल पहले हुई थी शादी
अतुल सुभाष की शादी जौनपुर की निकिता से 5 साल पहले हुई थी. कुछ दिन तो सबकुछ ठीक चला, लेकिन उसके बाद निकिता उसे छोड़कर अपने मायके लौट गई. उसके बाद उसने अपने पति अतुल सुभाष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा समेत तमाम धाराओं के कई मुकदमे दर्ज कराए. इस दौरान कोर्ट में 120 तारीखें लगीं और 40 तारीखों पर अतुल बेंगलुरु से जौनपुर पहुंचा.

जज ने मांगी थी रिश्वत

वहीं मामला जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक के पास पहुंचा. जहां जज ने केस निपटाने के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगी. जब युवक ने रिश्वत देने से इंकार किया तो जज रीता कौशिक ने उस पर 3 करोड़ रुपए की एलिमनी देने का भी दबाव बनाया. उसके बाद भी अतुल ने पैसे नहीं दिए तो जज रीता कौशिक ने पक्षपाती फैसला सुनाते हुए खिलाफ हर महीने 80 हजार रुपए मेंटिनेंस देने का आदेश जारी कर दिया. इन्हीं सब चीजों को लेकर वह डिप्रेशन में था. जिसके बाद उसने इन चीजों से मुक्ति पाने के लिए मौत का रास्ता चुनना सही समझा.

क्या लिखा 40 पेज के सुसाइड नोट में…


मौत से पहले AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 40 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा. जिसमें अपनी मौत का जिम्मेदार पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, साले अनुराग सिंघानिया उर्फ पीयूष और चचेरे ससुर सुशील सिंघानिया को दोषी ठहराते हुए लिखा- “मेरा नाम अतुल सुभाष है. बेंगलुरु में रहता हूं और आज मैं सुसाइड कमिट करने जा रहा हूं.. कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना मेरी अस्थियों को. मेरे मरे हुए शरीर के आसपास मेरी पत्नी और उसके परिवार का कोई नहीं आना चाहिए. मेरा अस्थि विसर्जन तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक मेरे हर आरोपी को सजा नहीं मिलती. इतने सारे एविडेंस.. सब कुछ होने के बाद भी अगर कोर्ट जज और बाकी के आरोपियों को सजा नहीं देती है तो मेरी अस्थियां वहीं कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देनी चाहिए, ताकि मैं जान जाऊं कि इस देश में क्या वैल्यू है एक लाइफ की..”

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