सूरजपुर/ नगर में स्थित सैकड़ों साल पुरानी मुस्लिम समाज का कर्बला एवं कब्रिस्तान है। मोहर्रम को देखते हुए समाज के कुछ युवक धर्म स्थान पर हो रही गंदगी को देखते हुए एक छोटे से हिस्से पर रेलिंग लगाकर घेर रहे थे। जिस जमीन पर रेलिंग लगाया जा रहा था वह भू अभिलेख में कर्बला के नाम पर दर्ज है। इसी बीच एक पक्ष आकर आपत्ति जताने लगा जमीन पर कब्जेदारी का आरोप लगाने पर विवाद की नौबत बन गई। कुछ लोग आमने-सामने आ गए।
*प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में*
जब भी एक पक्ष अपने करबला परिसर की साफ सफाई या कुछ और मरम्मत करवाने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है कुछ विवाद करने वाले व्यक्ति आगे आकर विवाद करने लगते हैं जिससे वह समुदाय ढंग से अपना त्योहार मोहर्रम को नहीं मना पाते हैं, विवाद की स्थिति उत्पन्न होने पर मामला सूरजपुर एसडीएम के पास जाता है, और सूरजपुर एसडीएम ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि ये आपसी मामला है आप लोग आपस में बैठ कर चर्चा कर लो,जिससे एक पक्ष खासा नाराज है ज्ञात हो कि अभी कुछ दिन पुर्व भी कब्रिस्तान निर्माण के लिए भी नगरपालिका परिषद सूरजपुर से कब्रिस्तान की बाउंड्री के लिए शासन से मद आया हुआ था जो नगरपालिका परिषद सूरजपुर के अथक प्रयास से वह राशि उपलब्ध हुई थी,किंतु जब निर्माण होने लगा तो फिर वही युवक आकर विवाद करने लगे और काम को एसडीएम सूरजपुर ने बंद करवा दिया, जिससे मुस्लिम समाज अपना फरियाद लेकर कहां जाएं ये समझ में नहीं आ रहा है
अगर समय रहते कब्रिस्तान और करबला का मामला नहीं सुलझा तो आने वाले दिनों में अत्यधिक विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है।
वहीं इन सारे मामले में सूरजपुर एसडीएम रवि सिंह ने कहा कि विवाद बढ़ने पर मैंने दोनों पक्ष के लोगों को बुलाया और कहा कि आप लोग आपस में निर्णय कर के कोई हल निकाल लो
मामले की जानकारी से अवगत कराने के लिए हमने जिले के कलेक्टर संजय अग्रवाल से सपंर्क साधने की कोशिश की तो पता चला कि वो आउट आफ कवरेज है जिससे उन का पक्ष ज्ञात नहीं हो सका है।
*क्या कहता है दूसरा पक्ष*
दुसरे पक्ष से राजेश महलवाला ने कहा कि कहीं पर कुछ विवाद की स्थिति नहीं है ,आप वहां रेलिंग मत लगाइए उसको खुला छोड़ दीजिए जिससे तालाब में आने जाने का रास्ता बना रहे,और एक बार फिर समाज के प्रमुख लोग बैठकर आपस में चर्चा करके कोई अच्छा हल निकालते हैं,जिससे हिंदू मुस्लिम एकता का मिशाल बने।
*मामले को सुलझाने कोई पार्टी नहीं आता सामने*
मुसलमान समुदाय के इस मामले कोई भी दल या पार्टी हस्तक्षेप करने नहीं आती जिससे यह मामला दिनों दिन तुल पकड़ता नजर आ रहा है, कुछ दिनों बाद मोहर्रम का पर्व आ रहा है जिससे फिर विवाद की स्थिति निर्मित होगी, मुस्लिम समाज केवल मतदाता बनकर रह गया है इनकी बातों को सुनने को या हल निकालने लिए कोई भी पार्टी या दल आगे नहीं आती, शाय़द उन्हें भी इंतजार है किसी गंभीर घटना का। सत्ताधारी दल जो मुस्लिम वोटर को अपना परंपरागत वोट बैंक मानकर चलती है ऐसे मामलों में उनका रुख भी संदेहास्पद रहता है। जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा ऐसी परिस्थिति बनती दिख रही है। *क्या कहते हैं अन्य दल के नेता* भू अभिलेखों में कर्बला कब्रिस्तान दर्ज है कुछ लोगों के द्वारा सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य ऐसे कृत्य किए जा रहे हैं। सैकड़ों साल पुराने धर्म स्थानों पर इस तरह के विवाद उत्पन्न करना ठीक नहीं है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ऐसे किसी भी विचारधारा का समर्थन नहीं करती है।
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