अंबिकापुर/ शिक्षा विभाग में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार अधिकारियों के मिली भगत से युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षा व्यवस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है। जिससे आगामी समय में सरगुज़ा जैसे पिछड़े क्षेत्र के गरीब, आदिवासी, दलित छात्र शिक्षा के मुख्यधारा से वंचित होंगे जिससे सरगुज़ा का विकास प्रभावित होगा। सरगुजा जिले में शिक्षा अधिकारी की देख रेख में शिक्षा विभाग में स्कूलों व शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया सम्पादित की गई है। उक्त पूरी प्रक्रिया विसंगतिपूर्ण है जिसमें अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरगुजा के शिक्षा गुणवत्ता खराब करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
महोदय जी से आग्रह है उक्त बिंदुओं पर ध्यान देते हुए समूची प्रक्रिया निरस्त कराएं-
1-कई महिला व्याख्याता जो कि जिला व संभाग की सूची से परे थे अचानक काउंसलिंग के एक दिन बाद दूरभाष से बुला कर जबरिया काउंसलिंग कराई गई जो कि नियम विरुद्ध व महिला शिक्षकों जिनको काउंसलिंग में वरीयता दिया जाना था के साथ अन्याय है तथा काउंसलिंग के दौरान जो जगह उन्हें दिखाया गया वो उनके निवास से 150 किमी दूर था जबकि यदि उन्हें काउंसलिंग में महिला वरीयता अनुसार पहले बुलाया गया होता तो उन्हें पास के विद्यालय मिल सकते थे
2-जिला प्रशासन द्वारा प्रधान पाठकों प्राचार्यों जनशिक्षकों बी ई ओ के माध्यम से अतिशेष शिक्षकों की जानकारी उनके बिना प्रमाणीकरण के मंगाई जिससे भ्रष्टाचार को बल मिला और बहुत से विद्यालयों के अतिशेष शिक्षकों का नाम लेन देन कर अतिशेष की सूची से ड्रॉप आउट कर दिया गया जबकि उनसे शतप्रतिशत भेजा गया है का प्रमाणीकरण कराना था जिससे भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता
3-जिला और संभाग दोनों स्तर पर सेजेस विद्यालयों के लिए दोहरा मापदंड अपनाया गया सेजेस विद्यालयों में गैरप्रतिनियुक्ति वाले शिक्षको को अतिशेष किया गया जबकि उन्हीं सेजेस विद्यालयों में काउंसलिंग से गैरप्रतिनियुक्ति शिक्षकों की पोस्टिंग भी की गई जिसमें साफ साफ भ्रष्टाचार नजर आ रहा
4-जिला स्तरीय काउंसलिंग में आस पास के स्कूलों के रिक्त पदों को प्रदर्शित न कर उसे संभाग स्तर पर अपने सेटिंग वाले चहेतो को बचाने के लिए किया गया
5-अपनों को बचाने दूरस्थ ऐसे विद्यालय में पोस्टिंग दी गई जहां पहले से ही पद भरा हुआ ताकि वापस आने पर उसे उसके मूल संस्था में सुरक्षित किया जा सके
6-विद्यार्थियों की दर्ज संख्या का मापदंड अलग अलग विद्यालयों के लिए अलग अलग अपनाया गया कही 120 दर्ज संख्या पर दो विषय शिक्षक रखे गए तो कही 250 दर्ज पर एक ही शिक्षक रख एक को अतिशेष कर दिया गया
7-हाई स्कूल में विज्ञान पद के विरुद्ध कही रसायन तो कही जीव विज्ञान मान्य कर पूर्व से पदस्थ वरिष्ठ व्याख्याता को अतिशेष कर दिया गया जो कि विभाग के दोनों स्तर पर अधिकारियों की मनमानी को दर्शाता है
8-हम कांग्रेस जन इस अव्यवहारिक अमानवीय त्रुटि और विसंगति से भरपूर नए सेट अप जिसके तहत प्रायमरी स्कूलों में 5 कक्षा पर एक शिक्षक व मिडिल स्तर पर 15 विषय पीरियड के लिए तीन शिक्षक का पुरजोर विरोध करते हुए 2008 सेटअप को लागू करने की मांग करता है
9-आपत्तिदावा की सिर्फ औपचारिकता ही की गई 12 बजे दोपहर से आपत्तिदावा लिया गया और महज़ दो घंटे निराकरण भी कर दिया गया किंतु निराकृत सूची का प्रकाशन न कर रात के 1 बजे अतिशेष की सूची जनशिक्षकों के मध्यम से भेज दी गई जो कि अन्याय पूर्ण है
10-हॉस्टल अधीक्षकों, जनशिक्षकों सहित कार्यालयों में संलग्न शिक्षकों का भी युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष समायोजन किया जाना था लेकिन नहीं किया गया
11-महोदय उक्त प्रक्रिया से स्कूलों का निजीकरण करने की तैयारी है। सरकारी स्कूलों को अडानी व अम्बानी के हाथों देकर गांव के गरीब, मजदूर, किसान, आदिवासी, दलित समुदाय के बच्चों को पढ़ाई से वंचित करना एक मात्र लक्ष्य है। ताकि सरकार से कोई प्रश्न ना पूछे।
अतः आपसे अनुरोध है कि सरगुज़ा संभाग की पूरी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को निरस्त कर जांच की जाए व दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। महोदय सरगुज़ा का वंचित गरीब, आदिवासी वर्ग आपसे अपेक्षा रखता है कि शिक्षा के अधिकार से उन्हें वंचित करने वाले तत्वों पर कार्यवाही कर सरगुज़ा संभाग में शिक्षा के अलख जगाने में अपनी महती भूमिका निभाएंगे।
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