जब भी कॉंग्रेस की सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते- ललन प्रताप सिंह
अंबिकापुर।
25 जून आपातकाल लोकतंत्र के लिए काला दिवस पर आज भाजपा महामाया तथा समलाया मंडल ने संयुक्त रूप से संगोष्ठी का आयोजन भाजपा वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर तथा पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में संकल्प भवन भाजपा कार्यालय में आयोजित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नगर निगम सभापति हरमिंदर सिंह, भाजपा वरिष्ठ नेता करता राम गुप्ता, जिला संवाद प्रमुख संतोष दास तथा जिला सह कोषाध्यक्ष अभिषेक शर्मा की उपस्थिति में अतिथियों द्वारा मीसा बंदी रहे स्वर्गीय सरदार बालकिशन सिंह, स्वर्गीय रेवती रमण मिश्र तथा स्वर्गीय विजय पटेल के परिजनों को शाल व श्रीफल से सम्मानित किया गया।
भाजपा वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून, 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया लेकिन आज भी वह अपने किए के लिए न तो माफी मांगती है और न ही पछतावा प्रकट करती है। आज 'संविधान बचाओ का नारा देने वाली कांग्रेस वही पार्टी है जिसने संविधान को सबसे पहले और सबसे गहराई से रौंदा था। उन्होंने कहा कि आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखलाकर थोपा गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'आंतरिक अशांति' की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया, जबकि न उस समय कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में लोकतंत्र का ऐसा पतन हुआ कि जेलों में बंद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई और इन लोगों में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक शामिल थे।
इस अवसर पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, आज भी सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है, नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है। श्री साव ने कहा कि आज कांग्रेस में चेहरे बदल गए हैं, लेकिन तानाशाही की प्रवृत्ति और सत्ता का लोभ जस का तस है। 50 वर्ष बाद आज आपातकाल को याद करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह इतिहास की एक घटना मात्र नहीं बल्कि कांग्रेस की मानसिकता का प्रमाण भी है। राहुल गांधी ने अपनी ही केंद्र सरकार के अध्यादेश को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़कर संविधान के प्रति कांग्रेस की इसी अधिनायकवादी सोच का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर अपने प्रस्तावना उद्बोधन में भाजपा समलाया मंडल अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया। इस अवसर पर मीसा बंदी परिवार से सोम शेखर मिश्रा, श्रीमती मधु पटेल, तथा हरमिंदर सिंह ने सम्मान प्राप्त किया।
कार्यक्रम का संचालन महामाया मंडल अध्यक्ष मनोज कंसारी ने तथा आभार प्रदर्शन तेजिंदर सिंह बग्गा ने किया।इस अवसर पर अजय सोनी, पंकज गुप्ता, अवधेश सोनकर, रविशंकर जयसवाल, भूपेंद्र सिंह, विकास सोनी, सतीश शर्मा, जतिन परमार, मार्कंडेय तिवारी, मनीष सिंह, सतीश सिंह, शैलेंद्र शर्मा, शशिकांत जायसवाल, भारत भूषण तिवारी, अजय सिंह, रवि सिंह, मनीष वर्मा, अभिमन्यु श्रीवास्तव, शंभू सोनी, मनीष बारी, गौतम विश्वकर्मा, सूरज मंडल, अर्चना सिंह, इंदु गुप्ता, आरती सोनी, बबली नेताम, प्रियंका चौबे, प्रिया सिंह, शुभांगी बिहाडे, रश्मि जायसवाल, प्रभा सिंह देव, नीलम राजवाड़े, शरद सिन्हा, विकास शुक्ला, अंकित तिर्की, हर्ष जायसवाल तथा दीपक सोनी सहित अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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