CM

15

"भारत मां का है वरदान, नमो अब प्रहार करो" के आह्वान से गूंजा दुर्गा बाड़ी परिसर काव्य श्रृंखला ने किया संभागीय कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन


"भारत मां का है वरदान, नमो अब प्रहार करो" के आह्वान से गूंजा दुर्गा बाड़ी परिसर काव्य श्रृंखला ने किया संभागीय कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन

//अंबिकापुर//
काव्य श्रृंखला अंबिकापुर के तत्वावधान में कल सायं स्थानीय घड़ी चौक स्थित दुर्गा बाड़ी परिसर में शानदार संभागीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सरगुजा सांसद चिंतामणी महाराज तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा सरगुजा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया तथा वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जिले तथा संभाग के लोकप्रिय साहित्यकारों व कवियों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर सांसद चिंतामणी महाराज ने आयोजकों को बधाई देते हुए ऐसे कार्यक्रम निरंतर किए जाने की आवश्यकता बताई, उन्होंने कहा कि 'जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि' वाली बात बिल्कुल सत्य है कवि हमारे राष्ट्र, समाज की धरोहर हैं। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि हमारे देश की सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाकर पहलगाम का बदला ले लिया है और आज हमारे कवियों ने अपने कलम की ताकत से सेना के शौर्य का बखान करके हमें मंत्रमुग्ध कर दिया है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि अनिल सिंह मेजर ने कहा कि कवि,साहित्यकारों के बीच आकर उन्हें सुनना बड़ा अच्छा लगता है, कलमकारों के कलम की ताकत से ही समाज में बड़े परिवर्तन होते हैं, आपको नमन है। कार्यक्रम के प्रारंभ में रचनाकार श्याम बिहारी पांडे ने अपनी पंक्तियाँ "भारत को भारत बनने में कितनों ने कुर्बानी दी, माताओं ने वीर जने, वीरों ने भरी जवानी दी" सुनाकर दुर्गा बाड़ी परिसर को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। साहित्यकार डॉ योगेन्द्र गहरवार ने अपनी रचना "बैसरन की घाटी में जब 26 हिन्दुओं की हत्या हुई" सुनाकर पहलगाम की घटना का जीवंत चित्र खींचा। साहित्यकार कवि विनोद हर्ष ने "गज़वा ए हिन्द का शौक पाले है पाक का कुत्ता भाड़े का" सुनाकर पाकिस्तान को खूब ललकारा। युवा कवि अंबरिश अंबुज ने अपनी पंक्तियाँ "समझो के तुमको समझाना पड़ेगा, या जहन्नुम का रास्ता दिखाना पड़ेगा" सुनाकर खूब तालियां बटोरी। कवि संतोष सरल ने अपनी लोकप्रिय रचना "भारत मां का है वरदान, नमो अब प्रहार करो" के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आह्वान किया तो दुर्गा बाड़ी भारत माता के जयकारे से गूंज उठी। युवा कवि पंकज राम भक्त ने जब अपनी रचना "शेर शिवा ने जब–जब भी अपनी तलवार उठाया है।" अपने अनोखे अंदाज में सुनाया तो उपस्थित जनसमुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिनंदन किया। कवियत्री श्रीमती अर्चना पाठक ने अपनी कविता "मौन ही करता रहा मौन से संवाद" सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। कवियित्री श्रीमती मीना वर्मा ने माँ पर लिखी अपनी कविता "जिसने अपनी नींदें गवांई लोरी गा उसे सुलाया था" सुनाकर वृद्धाश्रम में रह रही मांओं का मार्मिक चित्रण किया। गीतकार कवि कृष्ण कांत पाठक ने अपने गीत "काश मैं भी बादल होता" सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में कवि प्रकाश कश्यप ने अपनी सरगुजिहा रचना "हमर देश के माटी चन्दन, मंदिर खेत कियारी है" सुनाकर स्थानीय बोली की मिठास को महसूस कराया। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि देवेन्द्र नाथ दुबे ने तथा आभार प्रदर्शन कवियित्री अंजू पांडे ने किया। कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार मुकुंद लाल साहू तथा राजनारायण द्विवेदी को उनके साहित्यिक गतिविधियों में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नगर के साहित्य प्रेमी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकगण उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement