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विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्त करण के विरोध में शिक्षकों का मंत्रालय घेराव 28 मई को जिले के हजारों शिक्षक पहुचेंगे रायपुर

विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्त करण के विरोध में शिक्षकों का मंत्रालय घेराव 28 मई को जिले के हजारों शिक्षक पहुचेंगे रायपुर

अम्बिकापुर
शिक्षकों के साझा मंच के द्वारा विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है। इस कड़ी प्रांतीय निकाय के आह्वाहन पर  28 मई को मंत्रालय घेराव की रणनीति बनी है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन सरगुजा के जिला अध्यक्ष कमलेश सिंह की अध्यक्षता में सरगुजा संगठन के पदाधिकारियों का बैठक रख हर संकुल से शिक्षकों के रायपुर पहुँचने की रणनीति बनी। आयोजित बैठक में  जिसमें सरगुजा के सभी विकासखंड अध्यक्ष व जिला पदाधिकारी रहे।  आज के इस बैठक में जिला अध्यक्ष कमलेश सिंह जी ने कहा है कि शासन के द्वारा जो वर्तमान में युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया अपनाई जा रही है वह किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों और बच्चों के भविष्य के लिए हितकर नहीं है। उन्होंने कहा है कि सेटअप 2008 के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में न्यूनतम एक प्रधान पाठक और दो शिक्षक 1+2 प्रावधानित है और मिडिल स्कूलों में एक प्रधान पाठक और चार शिक्षक 1 + 4 प्रावधानित है ।वर्तमान युक्ति युक्त करण नीति में एक-एक पद काम करके इसे 1+1 और 1 + 3 कर दिया गया है ।जिससे प्रदेश में संचालित 30700 प्राथमिक शालाएं में एक सहायक शिक्षक पद कम कर सीधे-सीधे 30700 पद और 13149 संचालित पूर्व माध्यमिक शालाओं में एक शिक्षक पद कम कर 13149 पद एक झटके में समाप्त हो गए हैं और यही शिक्षक अब अतिशेष बनाए जा रहे हैं इसके विरोध में 23 शिक्षक संगठनों ने मिलकर शिक्षक साझा मंच गठित किया है इस साझा मंच के प्रदेश संचालकों के आह्वान पर 28 मई 2025 को राजधानी रायपुर में मंत्रालय का घेराव सुनिश्चित किया गया है जिसमें हमारे सरगुजा के प्रत्येक विकासखंड के प्रत्येक संकुल से शिक्षकों की भागीदारी देने के लिए आज रणनीति तय गया और भारी संख्या में 28 को मंत्रालय घेराव के लिए पहुंचने के लिए सभी शिक्षकों से अपील किया गया सभी शिक्षकों ने  एक मत होकर रायपुर जाने हेतु अपनी सहमति दिये जिलाध्यक्ष कमलेश सिंह ने इस विषय पर शासन से तीखे सवाल करते हुए कहा कि हर बार कागजीआंकड़े को लेकर लगातार विभाग  शिक्षकों को पैमाने में कसने का प्रयास करता है किंतु स्थानांतरण और पदोन्नति के समय सारे नियम तोड़कर जहां चाह वहां पोस्टिंग करो की नीति अपना कर शिक्षकों के अतिशेष होने में अपनी भूमिका भी अप्रत्यक्ष रूप से निभाता है जिससे स्कूल में शिक्षक अतिशेष हो जाते हैं तो अतिशेष होने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है? एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री जी शिक्षा गुणवत्ता अभियान में बेहतरी की उम्मीद करते हैं तो दूसरे तरफ  शासन शिक्षा विभाग के नींव को ही कमजोर करने में लगे है जहाँ शैक्षिक व्यवस्था के तहत शिक्षकों की भर्ती करनी थी वहां पदस्थ शिक्षकों को ही कम करके अतिशेष मानने का नया नियम फरमान जारी किये है आखिर कैसे दो शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अन्य विभागीय कार्य के साथ दे पाएंगे यह अपने आप मे चिंतनीय विषय है और यह विषय आजकल हर पालक/अभिभावक smc सदस्यों के बीच लगातर ग्रामीण तबके में चर्चा का विषय बना हुआ है कहीं न कही शासन के इस प्रकार के आदेश से पालक गण भी परेशान दिखाई दे रहे हैं आज के इस बैठक में प्रांतीय पदाधिकारी श्री मुकेश मुदलियार जी,जिला उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता,काजेश घोष,रामबिहारी गुप्ता,रोहिताश शर्मा,सुरित राजवाड़े ,अनिल तिग्गा सहित ,अरविंद सिंह,लव गुप्ता, राकेश दुबे,नाजिम खान , अरविंद राठौड़ , भूपेंद्र सिंह, विशाल गुप्ता , राजेश सिंह, विनोद यादव ,लखन राजवाड़े,राकेश पांडेय, अमित सोनी ,रणबीर सिंह चौहान,जवाहर खलखो,सुशील मिश्रा,योअल लकड़ा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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