CM

15

स्वास्थ्य विभाग का कारनामा: शासन व कलेक्टर के आदेश के बावजूद आज भी वही के वही जमे है कर्मचारी... कभी हुए ही नही रिलीव.. बगैर काम रसूख के दम पर ले रहे तनख्वाह....

स्वास्थ्य विभाग का कारनामा: शासन व कलेक्टर के आदेश के बावजूद आज भी वही के वही जमे है कर्मचारी... कभी हुए ही नही रिलीव.. बगैर काम रसूख के दम पर ले रहे तनख्वाह....


बलरामपुर...... स्वास्थ्य विभाग के एक कारनामे ने मेहनतकश कर्मचारियों का मनोबल पूरी तरह से डाउन कर दिया है.. जिले में दो ऐसे कर्मचारी है.. जिन्हें ट्रांसफर के बाद भी रिलीव नही किया गया है.. और तो और उनका कुछ अता-पता भी नही है.. लेकिन बकायदा उन्हें वेतन दिया जा रहा है.. ये ऐसे जमीनी स्तर के कर्मचारी है.. जो यूनियन बाजी का भयादोहन कर विभागीय अधिकारियों को सकते में डाल देते है.. विभागीय सूत्र बताते है कि इन दोनों कर्मचारियों के रवैय्ये से अन्य कर्मचारी भी परेशान है.. लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इन दोनों कर्मचारियों की करतूतों पर चुप्पी साध ली है.. ना कोई कार्यवाही ना कुछ ... इसे इन कर्मचारियों का रसूख ही कह सकते है.. जो बगैर ड्यूटी के अपनी सैलरी इकट्ठा कर रहे है.. और तो और राज्य शासन और कलेक्टर का आदेश भी इन पर बेअसर है.. कुल मिलाकर इन्हें नासूर ही कहा जा सकता है!..

*मामला नंबर 1*

दरअसल साल 2017 में तत्कालीन कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने 20 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के 4 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया था.. जिसमे नेत्र सहायक दुर्गेश त्रिपाठी का ट्रांसफर शंकरगढ़ ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डीपाडीह कला से वाड्रफनगर ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथनगर प्रशासनिक स्तर पर किया था.. लेकिन ये सरकारी मुलाजिम कलेक्टर के इस आदेश को ही ठेंगा दिखा गये.. वर्तमान समय मे ये कहाँ है खुद विभाग को पता नही है!..

*मामला नम्बर 2*

इस तरह 30 सितंबर 2022 को राज्य शासन ने 23 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया था.. जिसमे पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता दिनेश यादव का ट्रांसफर वाड्रफनगर ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरी से सूरजपुर जिले के सेक्टर रेवटी विकासखंड प्रतापपुर प्रशासनिक स्तर पर किया था.. लेकिन इनका भी कुछ अता-पता नही है.. मन मुताबिक आज भी शासन के आदेश के बावजूद रिलीव नही हुए ... और तब से लेकर अबतक जितने भी विभाग प्रमुख रहे किसी ने भी इस ओर ध्यान नही दिया.. या हो सकता है उनकी मौन स्वीकृति रही हो!..

बहरहाल स्वस्थ समाज की नींव स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला है.. जो आपातकाल परिस्थिति में भी प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा लोगो को उपलब्ध कराता है.. और उसी अमले के बलबूते स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर होता है.. ठीक इसके विपरीत बलरामपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है.. जिसने विभागीय कार्यशैली पर तो सवाल खड़े ही किये है.. लेकिन जी जान लगाकर धरातल पर अपनी सेवाएं देने वाले अमले के मनोबल पर भी आघात लगा दिया है!..

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement