*एकात्म मानववाद सिर्फ सिद्धांत दर्शन नहीं व्यावहारिक विषय है – शिवराज सिंह*
*सही मायने में सोशल मीडिया सीधे संवाद का माध्यम है – विनोद तावड़े*
*छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद एक बड़ी चुनौती थी जिसे हमने अवसर में बदला – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय*
*निर्णय संवाद से करने से वह निर्णय लोकतांत्रिक हो जाता है- नितिन नबीन*
सरगुजा/मैनपाट/रायपुर। सांसद विधायक प्रशिक्षण वर्ग के द्वितीय दिन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, राष्ट्रीय संगठक वी सतीश,राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश जी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन ने उपस्थित सांसद और विधायकों को विभिन्न विषय पर प्रशिक्षण दिया।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि भाजपा के पुरोधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया यह सिद्धांत समस्त भारतीय दर्शन का निचोड़ है। इसका मूल यह है कि सभी को एक मानकर , आम आदमी से शीर्ष तक एकाकार होकर उनके सुख के लिए कार्य करना ही शासन का मूल उद्देश्य है और इस पर कार्य करते हुए भाजपा की सरकार ने गरीबों के लिए चावल की व्यवस्था की, प्रधानमंत्री आवास की व्यवस्था की, उज्जवला सिलेंडर के माध्यम से बहनों के स्वास्थ्य की चिंता की और आयुष्मान कार्ड बनवाएं, साथ ही जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से व्यक्तियों की मूलभूत आवश्यकताओं के चिंतन करना ही एकात्ममानववाद का एक अंग है और यही बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता और नेता करता है। और सतत विषय पर चिंतन करते रहना ही आपका ध्येय होना चाहिए।
बैठक पूर्व शिवराज जी ने प्रशिक्षण स्थल पर मौलश्री का पौधा रोपण किया।
भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे जी ने सोशल मीडिया, मीडिया ,राष्ट्रीय विमर्श निर्माण, हमारी भूमिका, विषय पर बोलते हुए कहा कि सोशल मीडिया सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज करने का माध्यम नहीं है बल्कि वह एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारधारा , अपने कार्य सीधे लोगों तक पहुंचाते हैं । सही मायने में यह सीधे संवाद का माध्यम है। याद रखें सोशल मीडिया में कुछ पोस्ट करना बड़ा संवेदनशील विषय है। एक बड़ी बात यह है कि सोशल मीडिया में कुछ डालना यह व्यक्तिगत विषय नहीं सामूहिकता का भी विषय है क्योंकि किसी एक विषय को जब कई लोग पोस्ट करते हैं तो वह बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचता है। उन्होंने सोशल मीडिया के बारीक तथ्य रखते हुए बताया कि देश में लगभग 96 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता है और देश की 25 करोड़ आबादी इंटरनेट का उपयोग सूचना के आदान प्रदान के लिए कर रहे हैं। इसका उपयोग 24 घंटे और कहीं भी की जा सकती है और इसके माध्यम से तुरंत प्रतिक्रिया भी प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा सोशल मीडिया आज की युवा पीढ़ी की सोच को परिलक्षित करता है। 2014 का आम चुनाव और बाद में राज्यों में हुए चुनाव परिणाम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ अवसर और चुनौती विषय पर बोलते हुए कहा कि सरकार की कोई कार्य ऐसे होते हैं जिनसे उनकी पहचान बनती है परंतु छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद हमने अनेकों ऐसे कार्य किए हैं जिससे जनता के दिलों में भजपा की छाप बन चुकी है। जब हमारी सरकार बनी तो सबसे बड़ी चुनौती थी पूर्ववर्ती सरकार के जनता से किये धोखे और हमारे वादे को पूरा करने के लिए, सरकार बनते ही हमने गरीबों के आवास की चिंता करते हुए 18 लाख आवास देने के प्रपत्र पर हस्ताक्षर किया और डेढ़ वर्ष की सरकार में हमें यह सोचकर संतोष है कि हम उस लक्ष्य के बड़े हिस्से को पूरा कर चुके हैं। यह एक बड़ी चुनौती थी जिसे हमने अवसर में बदला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सर्व वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए सतत कार्य करती है और यह हमारे लिए बड़ा संतोष का विषय था। प्रदेश की मातृ शक्ति को हमने प्रतिमाह 1000 रु देकर उनके आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया व उनके आत्म सम्मान में वृद्धि की । किसानों से हमने रिकॉर्ड 149 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा यह हमारे जनसेवा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मना रहा है हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्ष में राज्य की जीडीपी को दोगुना करना और 2047 तक उसे 6 लाख करोड़ से बढ़ा कर 75 लाख करोड़ तक पहुचाना है।
सांसद विधायक प्रशिक्षण वर्ग के द्वितीय दिन के अंतिम सत्र में भाजपा प्रदेश प्रभारी नीति नवीन जी ने लोक व्यवहार, समय प्रबंधन, व्यक्तित्व कौशल विषय पर बोलते हुए कहा कि इन सभी विषयों का संतुलित संयोजन ही किसी को लोकप्रिय जन सेवक बनाता है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि को औपचारिक अनौपचारिक संवाद द्वारा जनता कार्यकर्ता से व्यक्तिगत संबंध बनाना चाहिए। कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कार्य करने बावजूद कुछ लोग विपरीत बात करते हैं इस पर प्रतिक्रिया देने के बजाय हमें मंथन करना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन सी स्थिति थी की उन्होंने ऐसी बात कि यह संयम ही हमें अनुकूल वातावरण तैयार करने में मदद करता है। उन्होंने कहा याद रखें यदि हम निर्णय संवाद से करते हैं तो वह निर्णय लोकतांत्रिक हो जाता है और वह व्यक्ति भी उस निर्णय से जुड़ जाता।
प्रदेश प्रभारी श्री नितिन जी ने कहा कि जनसभा, पत्रवार्ता, सेमिनार डिबेट सभी का भाव अलग होता है। इसे हेतु कौशल विकसित कर उसे अनुसार की चर्चा करने से जनसेवक जनता से सीधा संवाद स्थापित कर पाता है।
सांसद विधायक प्रशिक्षण वर्ग को राष्ट्रीय संगठन श्री वी सतीश जी, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश जी ने भी संबोधित किया।
द्वितीय दिन के प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत सुबह योग व्यायाम से शुरू हुई जिसमें सभी सांसद विधायक व मंत्री गणों ने हिस्सा लिया।