अंबिकापुर/ उनका भी आग्रह है महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी से की महामहिम महोदया जी भी एक बार यहाँ आयें जहाँ पूर्व राष्ट्रपति सन 1952 रात्रि विश्राम किये थे ,पंडों समाज भी चाहता है की इनका भी विकास हो शिक्षा, स्वास्थ्य, ज़मीन का पट्टा और अंबिकापुर से राष्ट्रपति भवन पंडोंनगर के रोड से आने की स्थिति बेहतर हो और उनका मनोबल बढ़े..
यहाँ हमारी मुलाकात श्री बसंत पंडो जी से हुई। ये वही इंसान हैं जिनको 22 नवंबर, 1952 में पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. राजेंद्र प्रसाद जी द्वारा अपने एक दिवसीय सरगुजा प्रवास के दौरान अपने करीब बुलाकर अपनी गोद में बिठाया, नवीन वस्त्र पहनाए और घोषणा की कि समस्त पंडो समाज के लोग भारत के महामहिम राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र होंगे। उस वक्त बसंत पंडो जी की उम्र छ: वर्ष की थी। यहाँ तक की उनका नाम ‘बसंत’ भी महामहिम पूर्व राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद जी का दिया हुआ है। पूर्व में उनका नाम गालू हुआ करता था। पंडो जनजाति को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए महामहिम द्वारा अपने प्रवास के दौरान इनको बैलों की जोड़ी एव बीज खाद उपलब्ध कराया गया ताकि ये जनजाति खेती की तरफ प्रेरित हो और अपना जीवन यापन कर सकें। इस से पूर्व ये सिर्फ कंद मूल एवं वन जीवन पर ही पूर्णत: निर्भर थे। इनको मुख्य धारा से जोड़ने हेतु ही महामहिम पूर्व राष्ट्रपति महोदय समस्त बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने आश्वस्त किया था।
आज की परिस्थिति को देखते हुए ये जनजाति मुख्य धारा में तो है, परंतु आज भी जीवन यापन हेतु आवश्यक सुविधाओं में पीछे है। पंडोनगर से अम्बिकापुर आवागमन हेतु अच्छी सड़क, गांव में अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था एवं मूल निवासियों को जमीन पट्टा, बस यही बुनियादी मांगें आज भी इन ग्राम वासियों की हैं जिस हेतु महामहिम पूर्व राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद जी के पश्चात किसी और पदाधिकारी ने प्राथमिकता नहीं दी है।
अब पुनः एक बार हमारे देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू जी का आगमन हमारी सरगुजा की पावन धरती पर होने जा रहा है तो हम सभी कांग्रेस पदाधिकारीगण एवं समस्त पंडोनगर के ग्रामीण ये महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी से सविनय निवेदन करते हैं कि अपने सरगुजा प्रवास के दौरान हमारे सरगुजा का गौरव “राष्ट्रपति-भवन” अवश्य जाएं एवं दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो समाज परिवार से अवश्य मिलें जिस से इन सभी मूल निवासियों को प्रेरणा मिले।
कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल में शैलेंद्र प्रताप सिंह, दुर्गेश गुप्ता, आलोक सिंह, अमित तिवारी राजा, सौरभ फिलिप, सतीश बारी, शिवांशु गुप्ता, तरनराज बाबरा, आशीष शील, सौरभ विश्वकर्मा, राहुल एवं ग्रामीणों में सरपंच बसंती, ठाकुर प्रसाद पंडो, मंजू ठाकुर, प्रमीला पंडो एवं अन्य ग्राम वासी उपस्थित थे।



