मैनपाट में विकास चाहिए देखो मैनपाट का जंगल कितना बेजान हैं ?
क्रूर बक्साइड की खदान से।।
क्या-क्या हो रहा नुकसान ?
समस्या ही समस्या हैं,
नहीं हैं कुछ खास निदान।।
कितना स्वार्थी हैं रे तू इंसान ?
अब बदले में हाथी भी तोड़ रहा मकान हैं।।
खदान के लिए जमीन बेच रहे हैं,
मैनपाटिया कौड़ियों के दाम।
मतलब किसे हैं ? यहाँ नेता-मंत्री, अधिकारी भी,
कर रहे हैं जमीन खरीदने का काम।।
लगता हैं बारूद के आवाज से,
मंत्री-अफसरों का बहरा हुआ हैं कान।
किसी को भनक भी नहीं लगता,
कैसे संचालित होते हैं यहाँ अवैध खदान ??
जो गरीब पत्थर तोड़े जी-जान से।
क्यों कम मजदूरी उसे मिलता हैं ?
जीवन नहीं हैं क्या ? उन नदान के।।
खदान के शोषण-अत्यचार से,
कैसे यहाँ के जनप्रतिनिधि थे अनजान ?
भ्रष्टाचार खुलेआम हैं,
जरा ध्यान करों कैसे चल रहा हैं, शासन-प्रशासन ??
इन सभी सवालों का जवाब चाहिए ?
उजड़े हुए मैनपाट की धरती को इंसाफ चाहिए।।
केवल बड़े-बड़े शहरों का विकास शानदार हैं।
मैनपाट की खदान से मालामाल सरकार हैं।।
यहाँ के बक्साइड से,
अरबों-खरबों की कमाई हैं ?
फिर भी विकास की दौड़ में,
मैनपाट क्यों हैं तन्हाई में ??
शानदार सड़क, पुलिया, स्कूल, दार्शनिक स्थल की,
ये मांग बरसों पुरानी यहाँ की लड़ाई हैं।
मैनपाट वासियों के मांग की फ़ाइल,
न जाने किस दफ्तर के टेबल में ले रही अंगड़ाई हैं ??
मानो मैनपाट की चीर-हरण का,
खूब महोत्सव मनाये जाते हैं ।
यहाँ के खनिज सम्पदा के मूल मालिक आदिवासी,
रोजगार की तलाश में क्यों बाहर जाते हैं ??
और न जल, जंगल, जमीन की विनाश करिये।
सुंदर,हरा-भरा लगे, ऐसा मैनपाट का विकास चाहिए।।
नेता-मंत्री का मैनपाट में चिंतन करने से,
यहाँ की दुर्गति दूर नहीं होगी।
विकास को विशेष तवज्जो देने से ही,
मैनपाट मशहूर होगी।।
जयमान एक्का
( सामाजिक कार्यकर्ता )
ग्राम चैनपुर, पोस्ट पेंट,
तहसील मैनपाट,
जिला सरगुजा ( छ. ग. )
मो. न. 6264214760