जतरा टाना भगत का जयंती समारोह संत गहिरा गुरु आश्रम में मनाया गया।
जनजाति गौरव युवा समाज अंबिकापुर सरगुजा द्वारा जतरा टाना भगत जी का जयंती भाथूपारा में स्थित संत गहिरा गुरु आश्रम, मणिपुर में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माननीय सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज ने कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जतरा टाना भगत ने जनजातीय समाज में स्वाधीनता का अलख जगाया ही साथ में सामाजिक, धार्मिक चेतना का संचार किया। उनके योगदान एवं बलिदान से समाज को प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उरांव समाज के इतिहास एवं संस्कृति के बारे में बताते हुए रोहतासगढ़ किला, कुड़ुख बोली, समाज के आयोजनों में गाए जाने वाले गीतों में लय एवं स्वर से भावनाओं के प्रगटीकरण को भी उल्लेखित किया।
जनजाति गौरव युवा समाज प्रदेश अध्यक्ष इन्दर भगत ने कहा कि जतरा भगत ने समाज को संगठित करके जनजातीय समाज में अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाकर असहयोग आंदोलन की शुरुआत किए, उन्होंने घोषणा किया ‘मालगुजारी नहीं देंगे, बेगारी नहीं करेंगे और कर नहीं देंगे’। उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से भी बहुत पहले इस आंदोलन का बिगुल फूंककर सामाजिक एकजुटता करते हुए देशभक्ति का संचार किया। यह एक सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन भी था।
इस जयंती समारोह में पार्षद सालेम केरकेट्टा, जनजाति गौरव युवा समाज जिला उपाध्यक्ष सचिन भगत, डॉ गोकरण प्रताप सिंह, यदुवंश केरकेट्टा, चमन राम, अवधेश केरकेट्टा, उमेश किस्पोट्टा, खुशबु एक्का, संदीप भगत, अरुण भगत, अमरनाथ, सबीना, ममता, गुडन, शीला, मोहरमणि, आशा, लक्ष्मी दास, आरती, सीमा, रेखा, हेमा उरांव, सौम्या भगत, कमील लकडा, सुभाष लकडा, जयप्रकाश, पंच राम मुंडा, दिनेश, सेवक राम, रामसेवक, कमलेश, कुबेर पाल, चुनमुन मिंज, शंकर मिंज, आशीष कुमार, रामदेव भगत, भोला भगत, चांगुड कुजूर, दीपक केरकेट्टा, कविता भगत, सीमा एक्का, सोना राम, संतोष एक्का आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।