अंबिकापुर : शहर के प्रतिभाशाली युवा शशांक मंदिलवार ने द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया द्वारा आयोजित चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा में सफलता अर्जित कर अंबिकापुर सहित पूरे सरगुजा जिले को गौरवान्वित किया है। इस प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा को पास करना किसी भी छात्र के लिए एक बड़ा मील का पत्थर होता है, जिसे शशांक ने दृढ़ इच्छाशक्ति, निरंतर परिश्रम और परिवार के सहयोग से प्राप्त किया है।
शशांक मंदिलवार अंबिकापुर के श्रीराम मंदिर रोड निवासी बिपिन बिहारी मंदिलवार के पौत्र एवं डाक्टर सुनील मंदिलवार के सुपुत्र हैं। वे संजीव मंदिलवार, डा सचिन मंदिलवार और डाक्टर सौरभ मंदिलवार के भतीजे हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि में शिक्षा और सेवा का माहौल शुरू से ही रहा है, जिसने शशांक को प्रेरणा देने का काम किया।
शशांक ने अपनी प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा शहर के होलीक्रॉस कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की। वाणिज्य संकाय से 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने पहले ही प्रयास में चार्टर्ड अकाउंटेंसी का प्रवेश परीक्षा क्लियर किया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बीते कुछ वर्षों से वे इस कठिन परीक्षा की तैयारी में जुटे थे। उन्होंने सिर्फ किताबी ज्ञान पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव पर भी ध्यान दिया। पिछले एक वर्ष से वे रायपुर की एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म से जुड़े हुए थे, जहाँ उन्हें पेशेवर कार्य संस्कृति और वित्तीय प्रणाली की गहरी समझ मिली।
शशांक के अनुसार, चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना मेरा सपना था। यह राह आसान नहीं थी, लेकिन परिवार का भरोसा, वरिष्ठ और अनुभवी चार्टड अकाउंटेंट का मार्गदर्शन और मेरी मेहनत रंग लाई। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने वाणिज्य संकाय को चुना, तब कुछ लोगों ने विकल्पों पर सवाल उठाए, लेकिन उनके माता-पिता और घरवालों ने सदैव उनका उत्साह बढ़ाया।
शशांक की इस उपलब्धि पर उनके विद्यालय, गुरुजन, मित्र, परिचित और नगरवासी हर्षित हैं। इस उपलब्धि ने यह संदेश दिया है कि छोटे शहरों से निकलने वाले छात्र भी राष्ट्रीय स्तर की कठिनतम परीक्षाओं में सफलता अर्जित कर सकते हैं, बशर्ते उनके भीतर लक्ष्य के प्रति समर्पण, अनुशासन और आत्मविश्वास हो। शशांक के इस प्रेरणादायक सफर से निश्चित ही शहर के अन्य युवाओं को दिशा और प्रोत्साहन मिलेगा।