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ईद-उल-अजहा सिर्फ कुर्बानी नहीं, जिम्मेदारी और इंसानियत का पैगाम है : रईस अहमद शकील

ईद-उल-अजहा सिर्फ कुर्बानी नहीं, जिम्मेदारी और इंसानियत का पैगाम है : रईस अहमद शकील

राजनांदगांव- ईद-उल-अजहा के मुबारक मौके पर जामा मस्ज़िद के सदर हाजी रईस अहमद शकील साहब ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे कुर्बानी को शरीअत के दायरे में रहकर, सादगी और सामाजिक ज़िम्मेदारी के साथ अंजाम दें। हाजी रईस अहमद शकील ने कहा कुर्बानी अल्लाह की रज़ा के लिए की जाती है। इसे किसी भी तरह के सार्वजनिक असुविधा का कारण न बनने दें। उन्होंने समुदाय के नाम अपनी अपील में निम्न बिंदुओं पर विशेष जोर दिया कुर्बानी केवल घरों या प्रशासन द्वारा तय स्थानों पर ही करें सड़कों, गलियों या सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी न की जाए सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करने से परहेज़ करें सफाई का विशेष ध्यान रखें, कुर्बानी का हिस्सा जरूरतमंदों तक आदब और सलीके से पहुँचाएँ कानून व प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें हर हाल में समाज के अन्य धर्मों की भावनाओं का सम्मान करें। जामा मस्जिद के सदर हाजी रईस अहमद शकील ने आगे बताया की उर्दू महीने जिल-हिज्जा के चांद की शरई तस्दीक के बाद और बारिश के मौसम को देखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज़ 7 जून 2025, शनिचर को मनाई जायेगी व एरिए की सभी मस्जिदों में ईदुल-अज़्हा की नमाज़ अदा की जायेगी।
मस्जिदों में नमाज़ का वक्त इस प्रकार होगा 
"शाहे मदीना मस्ज़िद शांति नगर में सुबह 7: 30 बजे, 
"नूरी मस्ज़िद कन्हारपूरी में सुबह 8: बजे, 
"नूरी मस्ज़िद गौरी नगर में सुबह 8:15 बजे,
"मोती मस्जिद तुलसीपुर में 8: 30 बजे 
"हनफ़ी मस्ज़िद गोलबाजार में सुबह 8: 45 बजे 
जामा मस्ज़िद पठान पारा में सुबह 9: बजे,
उसी तरह अल अज़ीज़ मस्ज़िद इन्दामरा में सुबह 9:30 विशेष नमाज़ ईदुल अजहा की अदा की जाएगी। लिहाजा गुज़ारिश है वक्त का ख़्याल रखें चूंकि 
तयशुदा वक्त पर जमात क़ायम हो जायेगी, रईस अहमद शकील ने कहा की ईद-उल-अजहा हमें खुदा की राह में कुर्बानी का पैगाम देती है, मैदाने-अराफात में हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने आज ही के दिन अपने बेटे हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम को खुदा की राह में कुर्बान करने की तैयारी की थी, वह उनका इम्तिहान था, इसीलिए ईदुल अजहा पर कुर्बानी करने का हुक्म है। अल्लाह तआला से दुआ है कि यह मुबारक महीना हम सबके लिए रहमत, बरकत और मग़फ़िरत का ज़रिया बने, ईदुल-अज़्हा हमें क़ुर्बानी, इख़्लास और तौहीद की याद दिलाता है दुआ है कि हमारी क़ुर्बानियाँ अल्लाह की बारगाह में क़ुबूल मक़बूल हों ईदुल-अज़्हा पर आपके घर में सुकून, रिश्तों में मोहब्बत, और ज़िंदगी में बरकतों की बहार हो।
 *प्रशासन से अपील* समाज के मिडिया प्रभारी सैय्यद अफज़ल अली ने कहा स्थानीय प्रशासन और नगर निगम से भी अपील की गई है कि वे ईद-उल-अजहा के मद्देनज़र शहर के विभिन्न क्षेत्रों में साफ-सफाई के विशेष इंतज़ामात करें ताकि कोई असुविधा न हो और त्योहार सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हो।

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