सामाजिक कार्यकर्ता जयमान एक्का ने समस्त शासकीय हॉस्पिटल में दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन किया हैं।
*मैनपाट :-* सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का ने समस्त शासकीय हॉस्पिटल में दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए सुशासन समाधान शिविर राजापुर में आवेदन किया हैं। सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमान एक्का का कहना हैं कि छत्तीसगढ़ के किसी भी शासकीय हॉस्पिटल में ईलाज करवाने पर डॉक्टरों के द्वारा पर्ची में लिखें गए दवाईयों में से कुछ दवाईयों को हॉस्पिटल में नहीं हैं कह कर बाहर से खरीदने के लिए कहते हैं। कुछ-कुछ शासकीय हॉस्पिटल में तों आधा से अधिक दवाईयों को बाहर के निजी मेडिकल दुकान से खरीदने के लिए कहते हैं। जहाँ पर मरीज के परिजनों को मोटा रकम खर्च कर दवाईयां खरीद कर ईलाज करवाना पड़ता हैं। जिस मरीज के पास ईलाज के लिए एक भी पैसा नहीं हैं और आयुष्मान कार्ड से ईलाज करवाने के लिए शासकीय हॉस्पिटल में जाता हैं। उसे भी शासकीय हॉस्पिटल में दवाईयों की कमी के वजह से जैसे भी पैसे का व्यवस्था करके पैसा जुगाड़ करके निजी मेडिकल दुकानों से दवाईयां खरीदना ही पड़ता हैं। कुछ बड़े सरकारी हॉस्पिटल हैं, जहां पर ईलाज से पहले एक्स रे, सोनोग्राफ़ी, ब्लड टेस्ट इत्यादि प्रकार के टेस्ट के लिए आयुष्मान कार्ड को लागू नहीं करते हैं। उसके स्थान पर 100/- या 200/- रूपये का नगद पैसा देकर पर्ची कटवाना पड़ता हैं। उस पर्ची को दिखाने से टेस्ट कार्य होते हैं। इन सब कारणों के वजह से जो गरीब तबके के लोग हैं और उनके पास ईलाज करवाने के लिए आयुष्मान कार्ड उपलब्ध हैं, फिर भी उन्हें ईलाज के लिए बहुत सारे रूपये खर्च करना ही पड़ता हैं। आयुष्मान कार्ड जिनके पास हैं, उन मरीजों को एक रूपये का भी एकस्ट्रा खर्च नहीं करना पड़े, उसके लिए सरकार को शासकीय हॉस्पिटल में व्यवस्था उपलब्ध करना चाहिए और निजी हॉस्पिटल से मरीज के परिजनों को एक भी दवाईयां न खरीदना पड़े, उसके लिए प्रर्याप्त मात्रा में शासकीय हॉस्पिटल में शासन के द्वारा मेडिकल दवाईयां उपलब्ध करवाना चाहिए। जिससे पीड़ित परिवारों को राहत मिल सके। अब देखना यह होगा की इस पर सरकार कुछ सुधार करती हैं या नहीं ??
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