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संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अपनी लापरवाही नहीं आ रहा बाज 75 नंबर की जगह पर 100 नंबर का दे दिया गया छात्रों को प्रश्न पत्र आज दिनांक तक विश्वविद्यालय नहीं स्पष्ट किया 100 का नहीं था 75 अंक का पेपर।


संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अपनी लापरवाही नहीं आ रहा बाज 75 नंबर की जगह पर 100 नंबर का दे दिया गया छात्रों को प्रश्न पत्र आज दिनांक तक विश्वविद्यालय नहीं स्पष्ट किया 100 का नहीं था 75 अंक का पेपर।

० छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आदत हो गया है संत गाहिरा गुरु विश्वविद्यालय को

० आजाद सेवा संघ ने पूरक परीक्षा में प्रश्न पत्र गड़बड़ी पर की कार्यवाही की मांग अन्यथा संघ करेगा उग्र प्रदर्शन।
गैर-राजनीतिक दल आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने  विश्वविद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन सौंप कर बताया कि छात्रों की बीए पार्ट 3 पूरक परीक्षा में प्रश्न पत्र में हुई गड़बड़ी को लेकर सरगुजा विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव को ज्ञापन सौंपा और इस मुद्दे पर तुरंत कार्यवाही की मांग की।

परीक्षा में गड़बड़ी का विवरण:

सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा 25 अक्टूबर को आयोजित बीए पार्ट 3 इतिहास के पेपर 1 की परीक्षा में प्रश्नपत्र के सभी 75 अंकों के प्रश्न पुराने पाठ्यक्रम से पूछे गए थे, जबकि 28 अक्टूबर को आयोजित इतिहास के पेपर 2 में कुल 100 अंकों के प्रश्न नए पाठ्यक्रम से आए। इससे पेपर 1 और पेपर 2 का कुल अंक 150 होना चाहिए था, लेकिन वह 175 हो गया। छात्रों ने यह मानकर उत्तर लिखे कि पेपर 100 अंकों का है, जबकि वास्तविकता में प्रश्न पत्र केवल 75 अंकों का होना चाहिए था।

इस गड़बड़ी से छात्रों को मानसिक तनाव और भ्रम का सामना करना पड़ा है, और विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस गंभीर त्रुटि पर कोई कदम नहीं उठाया है।

आजाद सेवा संघ की मांग:

1. आजाद सेवा संघ विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करता है कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हुए उन सभी छात्रों को, जिन्होंने बीए पार्ट 3 का इतिहास का पेपर दिया है, न्यूनतम 15 अंकों का ग्रेस मार्क प्रदान करे।

2. छात्रों के हित में विश्वविद्यालय तुरंत निर्णय ले और छात्रों एवं उनके अभिभावकों को पत्र लिखकर माफी मांगे।

3. परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग के उन अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, जिन्होंने प्रश्न पत्र की जांच में लापरवाही बरती है।

विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव के द्वारा इस गलती को मानी गई और उपकुलसचिव के द्वारा कहा गया कि आज दिनांक तक हमें इस गलती के बारे में पता भी नहीं है जिससे साफ जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय लापरवाही अपनी की गई गड़बड़ी के बारे में पता नहीं चलता है  करने के बाद भी अभी कुछ ही दिन पूर्व धारा  52 के तहत विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाया गया था इन्हीं सभी करण के वजह से दिनों-दिन विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों में गिरावट आ रही है l

आजाद सेवा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि छात्रों के हित में शीघ्र उचित कदम नहीं उठाए गए तो संघ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

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